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कश्मीर में सड़कों के बंद होने से हजारों टन सेब सड़ रहे हैं, किसानों को भारी नुकसान का सामना

कश्मीर में सड़कों के बंद होने से हजारों टन सेब सड़ रहे हैं, किसानों को भारी नुकसान का सामना

कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) के लगातार बंद रहने से हजारों टन सेब सड़ रहे हैं, जिससे बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। लगभग 80% सेब उत्पादन कश्मीर से आता है, और यह मार्ग राज्य को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। हालांकि हल्के वाहनों के लिए मार्ग खोला गया है, लेकिन भारी ट्रकों की आवाजाही अभी भी प्रतिबंधित है, जिससे सेबों की आपूर्ति बाधित हो रही है।

कश्मीर घाटी फल उत्पादक और विक्रेता संघ (KVFGDU) के अनुसार, बागवानों और व्यापारियों को लगभग 700 से 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कई ट्रक चालक और व्यापारी सड़े हुए सेबों को फेंकने के लिए मज़दूरों को पैसे दे रहे हैं। शोपियां के एक बागवान अब्दुल मजीद ने कहा, “पहले, हम NH-44 के ज़रिए सेब की एक पेटी के लिए 50 से 60 रुपये चुकाते थे। अब, मुगल रोड पर हमसे लगभग 200 रुपये प्रति पेटी वसूला जा रहा है। यह बिल्कुल असहनीय है।”

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र से NH-44 को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को सौंपने की अपील की है, ताकि बागवानों की समस्याओं का समाधान हो सके। इस संकट के बीच, भारतीय रेलवे ने बडगाम से दिल्ली के लिए एक समर्पित पार्सल ट्रेन सेवा शुरू की है, जो सेबों की आपूर्ति में मदद करेगी। कश्मीर के सेब उद्योग की यह स्थिति राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है।

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