जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिशोटी (Chisoti) गाँव में गुरुवार दोपहर अचानक आई बेलगाम बादल फटने (cloudburst) से भारी बाढ़ आ गई, जिसने अब तक कम से कम 60 लोगों की जान ले ली, जबकि 100 से अधिक लोग घायल और दर्जनों लापता बताए जा रहे हैं ।
इस आपदा का सबसे अधिक प्रभाव मचैल माता यात्रा मार्ग पर पड़ा, जहां श्रद्धालुओं के लिए बनी सामुदायिक रसोई, सुरक्षा कैंप, कई मकान, एक 30 मीटर का पुल, वाहन, और मंदिर बह गए या टूट गए ।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मौके पर पहुँच गए और उन्होंने सेना द्वारा वास्तु और वीडियो तकनीक (VR) का उपयोग कर स्थिति का आकलन किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन पीड़ितों की मदद के लिए तत्पर है और बाद में यह भी जांच की जाएगी कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद पर्याप्त सतर्कता क्यों नहीं बरती गई।
भारतीय वायुसेना (IAF) ने बचाव कार्य में सहायता के लिए दो Mi-17 हेलीकॉप्टर और एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर को जम्मू और उधमपुर में तत्पर रखे रखा है, जो पहले मौसम अनुकूलता मिलने पर तैनात किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की और केंद्र की ओर से पूरी सहायता की یقین दिलाई ।
यह त्रासदी हिमालयी क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन और मानसून की तीव्रता की ओर इशारा करती है, जहाँ बादल फटने जैसी घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं ।