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लालबागचा राजा विसर्जन 13 घंटे देरी से, परंपराएँ टूटीं तो बढ़ी हलचल

लालबागचा राजा विसर्जन 13 घंटे देरी से, परंपराएँ टूटीं तो बढ़ी हलचल

मुंबई के प्रसिद्ध गणेश मंडल लालबागचा राजा के विसर्जन में इस वर्ष 13 घंटे की असामान्य देरी हुई, जो परंपराओं से हटकर था। आमतौर पर अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह 9 बजे तक विसर्जन संपन्न हो जाता था, लेकिन इस बार यह शाम 9:10 बजे गिरगांव चौपाटी पर हुआ। मंडल के अनुसार, भारी बारिश और समुद्र में ऊंची लहरों के कारण विसर्जन में देरी हुई। विशेषज्ञों के अनुसार, रविवार को 4.42 मीटर ऊंची ज्वार की लहरें सुबह 11:40 बजे तक आईं, जिससे मूर्ति को समुद्र में ले जाना जोखिमपूर्ण हो गया।

इस वर्ष एक नई तकनीकी रैफ्ट का उपयोग किया गया, जिसमें तकनीकी खामियों के कारण मूर्ति को गिरगांव चौपाटी पर कुछ घंटों तक फंसी रही। मंडल ने कोली समुदाय के मछुआरों की मदद से मूर्ति को रैफ्ट पर सुरक्षित रूप से स्थापित किया। इस देरी के कारण भक्तों में निराशा और सोशल मीडिया पर आलोचनाएँ भी देखने को मिलीं।

हालांकि, पुलिस ने पुष्टि की कि 6,000 से अधिक सामूहिक और कई घरेलू मूर्तियों का विसर्जन सुरक्षित रूप से किया गया। कुल मिलाकर, यह विसर्जन परंपराओं से हटकर और तकनीकी चुनौतियों से भरपूर रहा।

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