उत्तराखंड उपभोक्ता आयोग ने एक शराब ठेका संचालक को ₹30 अतिरिक्त वसूली पर कड़ी चेतावनी देते हुए ₹7,000 जुर्माना लगाया है। मामले में एक ग्राहक को 150 रुपये की एमआरपी वाली शराब के बदले ₹180 वसूलने का आरोप पाया गया; जब ग्राहक ने विरोध किया तो सेल्समैन ने गाली‑गलौज की और धमकी भी दी ).
आयोग ने इसे “अनुचित व्यापारिक आचरण” माना और निर्णय किया कि संचालक को ₹30 अतिरिक्त राशि ग्राहक को वापिस करनी होगी। इसके साथ ही ₹5,000 मानसिक पीड़ा का मुआवजा और ₹2,000 वाद व्यय के रूप में भुगतान करने निर्देश दिए गए हैं ).
इस पूरे मामले में आयोग ने आबकारी विभाग को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी मनमानी वसूली करने वाले ठेका संचालकों पर कठोर प्रवर्तन हो सके।
इस घटना ने राज्य भर में शराब ठेके पर चल रही ओवर‑रेटिंग की समस्या की फिर से पुष्टि की है। आयोग के इस स्पष्ट निर्णय को उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा का ज्वलंत उदाहरण माना जा रहा है—जहां ग्राहक को सिर्फ कीमत लौटाकर ही नहीं, बल्कि तुरंत न्याय और राहत भी उपलब्ध कराई गई है।