उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला: विरोध के चलते शराब दुकानों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द

उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत धार्मिक स्थलों के पास स्थित शराब की दुकानों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए हैं। यह निर्णय स्थानीय जनता, विशेषकर महिलाओं द्वारा शराब दुकानों के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर लिया गया है। सरकार ने जनसंवेदनाओं को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।

नई नीति के अनुसार, धार्मिक स्थलों के निकट शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अतिरिक्त, यदि कोई दुकान अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक कीमत पर शराब बेचती है, तो उसका लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाएगा। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी MRP लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सकेगी।

सरकार ने उप-दुकानों और मेट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त कर दिया है, जिससे अवैध रूप से शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। नई नीति के तहत, थोक शराब के लाइसेंस केवल उत्तराखंड के स्थानीय निवासियों को ही जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। सरकार का लक्ष्य है कि शराब की बिक्री में पारदर्शिता लाई जाए और अनियमितताओं पर सख्ती से कार्रवाई की जाए, ताकि समाज में शराब के दुष्प्रभावों को कम किया जा सके।

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