अगले 32 दिनों तक चलने वाले मानसून सत्र में आज संसद में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 और कोस्टल शिपिंग बिल, 2024 पर अहम बहस होने वाली है। लोकसभा में राष्ट्रपति निर्णय समेत कई विधेयकों पर चर्चा हो रही है, लेकिन आज सबसे बड़ी सुर्ख़ी इन दो समुद्री सुरक्षा व व्यापार सुधार संबंधी विधेयकों को लेकर बनी हुई है।
मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024: यह बिल दिसंबर 2024 में लोकसभा में पेश हुआ था और अब इसे पोर्ट विभाग के मंत्री सरबानंद सोनवाल द्वारा पुन: पाठ के लिए पेश किया गया है। इसका मकसद 1958 के पुराने कानून को बदलकर भारत को समुद्र व्यापार में और अधिक लचीला, बैंक योग्य और आत्मनिर्भर बनाना है—जिससे विदेशी मुद्रा बचत हो और जहाजों का रजिस्ट्रेशन भारतीय तिरंगे के नीचे बढ़े।
कोस्टल शिपिंग बिल, 2024: यह विधेयक पहले लोकसभा में पारित हुआ था और आज इसकी समीक्षा राज्यसभा में होगी। इसमें तटीय जल के भीतर व्यापार करने वाले जहाजों के संचालन एवं कानूनी ढांचे को आसान, पारदर्शी और आकर्षक बनाने की कोशिश है ताकि घरेलू कातार संचालन में तेजी लाया जा सके।
साथ ही, कैरिज ऑफ गुड्स बाय सी बिल भी आज राज्यसभा में पेश होने की उम्मीद है, जिससे 1925 के पुराने कानून को बदलते हुए माल भाड़ा व्यापार को आधुनिक बनने में मदद मिलेगी।
सरकार का दावा है कि इन विधेयकों से समुद्री व्यापार का समर्थन मिलेगा, नौकरियों में वृद्धि होगी, और भारत की वैश्विक समुद्री पहचान मजबूत होगी। विपक्ष की ओर से ऐसे बड़े सुधारों को लेकर सवालों की भी आख्या है, जिसके चलते आज का दिन संसद में व्यावहारिक चर्चा और बहस से भरा रहेगा।