रक्षाबंधन से पहले मध्य प्रदेश में कुछ हिंदू संगठनों ने “सिर्फ सनातनी भाइयों को ही राखी बांधें” का संदेश देने वाला अभियान शुरू किया है। वे महिलाओं से आग्रह कर रहे हैं कि इस त्योहार में गैर‑हिंदू पुरुषों को राखी न बांधकर सांस्कृतिक और धार्मिक रक्षा सुनिश्चित करें ।
इन समूहों ने बाजारों में रैकेट्स लगाए, पंपलेट वितरित किए और महिलाओं से प्रतिज्ञा लेने का प्रयास किया। उनका तर्क है कि रक्षाबंधन के दौरान गैर‑हिंदू पुरुषों को राखी बांधने से “लव जिहाद” जैसी धार्मिक पहचान खतरे में पड़ सकती है। इस अभियान ने धार्मिक पहचान और सुरक्षा के मुद्दे को जोड़ते हुए विवादित टिप्पणी को जन्म दिया है।
विशेषज्ञों और नागरिकों ने इसे धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक विभाजन करार दिया है। रक्षाबंधन का पारंपरिक उद्देश्य भाई-बहन के बीच प्रेम और सुरक्षा की भावना है, लेकिन इस प्रयास से त्योहार का संवेदनशील ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक भावनात्मक मूल सीमांत हो सकता है।