मेघालय हाई कोर्ट ने राजाजू और डियेन्गन गांवों में स्थित दो सरकारी मॉनिटर किए गए डिपो से लगभग 4,000 मीट्रिक टन अवैध कोयला गायब होने पर स्थानीय अधिकारियों व राज्य सरकार से जवाब मांगा है ।
न्यायमूर्ति एच.एस. थांगखिव की पीठ ने न्याय (सेवानिवृत्त) बी.पी. काटाके समिति की 31 वीं अंतरिम रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि Ground verification में केवल डियेन्गन में 2.5 MT और राजाजू में मात्र 8 MT ही शेष पाया गया, जबकि पहले क्रमश: 1,839.03 MT और 2,121.62 MT दर्ज थे ।
न्यायालय ने इस गंभीर स्थिति को “उल्लंघन” करार देते हुए अधिकारियों द्वारा नियंत्रण में हुई चूक की कड़ी निंदा की। उसने गायब कोयले की वास्तविक भूमिका निभाने वाले व्यक्ति या अधिकारियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
यद्यपि राज्य सरकार ने कोयला नीलामी नीतियों और ई-नीलामी प्रक्रिया में सुधार के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन न्यायपालिका ने राज्य को 120 दिनों में बने रहने वाली समझौता अवधि, EMD वापसी और पुनः नीलामी व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी ।
न्यायालय ने साथ ही जांच एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि जहां भिन्नता (discrepancy) पाई गई है, वहां FIR दर्ज की जाए और डिप्टी कमिश्नरों को UAV सर्वे डेटा से मिलान कर अनुचित ट्रांसपोर्ट पर कार्रवाई की जाए ।