भारतीय सेना के लिए अमेरिका से खरीदे गए तीन AH‑64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर मंगलवार को हिंडन एयरबेस पर उतरे, जिससे यह डील लगभग 15 माह की देरी के बाद पूरी हुई । यह बैच ₹5,691 करोड़ के अनुबंध का पहला हिस्सा है, जिसमें कुल छह हेलीकॉप्टर शामिल थे ।
सेना की ओर से इसे “मील का पत्थर” बताया गया है और इसे जोधपुर में तैनात करने की योजना है । इन ‘टैंक इन द एयर’ को अत्याधुनिक हथियारों, लक्ष्यीकरण और रडार तकनीक से लैस बताया जा रहा है, जो पश्चिमी सीमा पर बनाए जा रहे नियंत्रण को और सशक्त बनाएंगे ।
2020 में हुए $600 मिलियन के सौदे के तहत छह हेलीकॉप्टर लिए गए, जिनमें तीन की डिलीवरी मई‑जुलाई 2024 में होनी थी। लेकिन सप्लाई चेन और तकनीकी अड़चनों के कारण इसमें देरी हुई। अब टीम तैयार है और प्रशिक्षण प्राप्त पायलट एवं ग्राउंड स्टाफ मार्च 2024 में जोधपुर स्थित पहले अपाचे स्क्वाड्रन के लिए तैयार थे ।
AH‑64E हेलीकॉप्टर में 30 मिमी चेन गन, हेलफायर मिसाइल, रॉकेट पॉड और लॉन्गबो रडार हैं, जो युद्ध में सटीकता, बहुमुखी क्षमता और उच्च जोखिम वाले अभियानों में उपयोगी साबित होंगे.