मानसून का कहर: कोई कार की छत पर चढ़कर बचा, कहीं इमारतें ढही — हर तरफ पानी ही पानी और तबाही

उत्तराखंड और हिमाचल में मानसून का कहर जारी: बाढ़, भूस्खलन और बारिश ने भारी तबाही मचाई — लोगों को कार की छत पर चढ़कर जान बचानी पड़ी, कई इमारतें ढह गईं

उत्तर भारत में मानसून ने इस साल ताबड़तोड़ तांडव किया है। उत्तराखंड में जून महीने में हुई बारिश-भूस्खलन घटनाओं में 65 लोगों की मौत हुई, जो पिछले साल की तुलना में दोगुनी है – 45 सड़क हादसों में और 20 प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए । साथ ही, कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में कई लोग लापता हैं।

इसी बीच हिमाचल प्रदेश में भी गंभीर स्थिति बनी हुई है। शिमला के भट्टाकूफ़र में भारी बारिश के चलते एक पांच-मंज़िल बिल्डिंग धँस गई, हालांकि पहले ही लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था । रंपुर के समीप बादल फटने से एक गोशाला और उसमें रखे कई पशु बह गए । साथ ही, चार-लेन सड़क निर्माण के कारण ढलान अस्थिर हो गए, जिससे कई भू-खिसकाव हुए।

इस दौरान कई मार्ग बंद हो गए; सड़कें और बिजली पोल क्षतिग्रस्त हुए; और शिलाखंड, कांगड़ा, मंडी सहित सात जिलों में ऑरेंज–रेड अलर्ट जारी हुआ । आलम यह है कि कई इलाकों में कारों की छत पर चढ़कर जान बचाई जा रही है।

राज्य सरकारों और आपदा नियंत्रण विभाग द्वारा NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत तथा बचाव कार्य तेज़ी से किए जा रहे हैं। वहीं मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है ।

जनता से संवेदनशील स्थानों से दूर रहने, प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करने और बचाव कार्यों में सहयोग की अपील की गई है।

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