सुंजय कपूर के निधन के बाद फैमिली और कॉर्पोरेट स्तर पर एक गहरी विरासत विवाद की शुरुआत हो गई है, जिसमें ₹30,000 करोड़ की Sona Comstar–Kapur ग्रुप संपत्ति का नियंत्रण सुंजय की माँ रानी कपूर और उनकी पत्नी प्रिया सचदेव कपूर के बीच टकराव में बदल गया है।
रानी कपूर ने 25 जुलाई को कंपनी के बोर्ड को एक भावुक पत्र लिखकर AGM (वार्षिक सामान्य सभा) की स्थगन की मांग की, यह कहते हुए कि उन्हें बेईमान तरीके से मानसिक दबाव में दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया गया था। उन्होंने अपने बेटे की मृत्यु की परिस्थितियों को “अत्यंत संदिग्ध और अनसुलझी” बताया है । रानी ने सोंचा था कि वे परिवार के हितों की प्रमुख धारक हैं, लेकिन कंपनी ने स्पष्ट किया कि रानी 2019 से शेयरधारक नहीं हैं, और AGM स्थगित नहीं की जा सकती थी ।
इसके बावजूद, कंपनी ने AGM निर्धारित तिथि 25 जुलाई को आगे बढ़ाई और प्रियया सचदेव कपूर को non‑executive डायरेक्टर के रूप में बोर्ड में शामिल किया गया, जिसे कंपनी द्वारा पेशेवर दृष्टिकोण से समर्थन मिला ।
यह विवाद अब कानूनी लड़ाई की ओर बढ़ता दिख रहा है, जिसमें पोस्ट-सन्सेशन, परिवार के नियंत्रण, और कॉर्पोरेट गवर्नेंस जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। सुंजय कपूर की मौत की गुमराह करने वाली परिस्थिति और रानी कपूर द्वारा उठाए गए।