पंचायत चुनाव में जब उम्मीदवारों के सामने कोई चुनाव चिन्ह नहीं दिखता, तो मतदाता अपने वोट का सही उपयोग नहीं कर पाता—सिर्फ इसलिए कि गाँव, ब्लॉक या जिला पंचायत में उम्मीदवार पार्टी चिह्न के बिना लड़ते हैं। यह क्रम बगैर किसी मुख्य राजनीतिक पार्टी के चुनाव लड़ने की व्यवस्था का हिस्सा है, जिससे स्थानीय प्रतिनिधित्व स्वतंत्र रहे।
लेकिन इसके चलते कई बार मतदाता भ्रमित होते हैं। केंद्रीय Representation of People Act के प्रतिबंध के बावजूद—जो राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय चुनावों में पार्टी चिह्न के इस्तेमाल को रोकता है—पंचायत चुनाव इसमें शामिल नहीं है । इसलिए कई देशों तथा राज्यों जैसे पंजाब और असम ने पार्टी चिन्ह को स्थानांतरित किया, ताकि उम्मीदवारों की पहचान पार्टी फिल्टर से हटकर व्यक्तिगत हो।
मतदाता जब बने तैयार होकर चुनावी मतपत्र पर पहुंचता है, और वहाँ सिर्फ नाम-संख्या या रंगीन चिह्नों का मिश्रण दिखता है, तो कभी-कभी भ्रम में आकर गलत उम्मीदवार चुन लेता है। खासतौर पर बुजुर्ग या पहली बार वोट करने वाले मतदाता इस दौरान प्रभावित होते हैं।
इससे कैसे बचें?
मतदान से पहले निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी चिह्न सूची अच्छी तरह पढ़ें
यदि बूथ पर भ्रम हो, तो झटपट मतदान कर्मी या सहायक को बुलाएं
बूथ ले जाकर आप यही सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका मत सही जगह पहुंच रहा है।