उत्तरी भारत में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, और उत्तराखंड में भूस्खलनों ने पहाड़ों में सड़कों और पुलों को तहस-नहस कर दिया, जिससे कई इलाकों में संपर्क कट जाने की स्थिति बन गई। पंजाब में बाढ़ से फसलों और घरों को भारी नुकसान पहुंचा।
दिल्ली में यमुना नदी ने अपना तीसरा सर्वोच्च जलस्तर रिकॉर्ड करते हुए 207 मीटर के पार बहाव दर्ज किया — यह हालात खतरनाक स्तर माना जा रहा है। गाज़ियाबाद के एक गांव से 55 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया, हालांकि दिल्ली में जलस्तर थोड़ा नीचे आया है ।
इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर में भीषण जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही; आलिपुर फ्लाईओवर का एक हिस्सा धंस गया और अंतरराज्यीय हाईवे बाधित हुआ । राहत केन्द्र, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में जुटे हैं।
क्षेत्र | प्रभाव और स्थिति |
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कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड | भूस्खलन के चलते सड़कें और ब्रिस्कें टूटने से संपर्क बाधित गया |
दिल्ली–एनसीआर | यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर; घर, मंदिर, मुर्दाघर डूबे; फ्लाईओवर क्षतिग्रस्त |
गाज़ियाबाद | 55 परिवारों को सुरक्षित निकाला गया; राहत कार्य जारी |
अधिकारियाँ कार्रवाई | राहत शिविर, एनडीआरएफ मुस्तैद, प्रशासन सतर्क; यातायात दिशा-निर्देश जारी |
यह बाढ़ की तबाही एक और चेतावनी है कि मौसमी परिवर्तन और बिनापढी–लिखी रोकथाम योजना के चलते हमारी शहर और पहाड़ी क्षेत्र जोखिम में हैं।