नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2025: भारत में डिजिटल पहचान प्रणाली ‘आधार’ के उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में आधार प्रमाणीकरण लेनदेन की संख्या 2,707 करोड़ से अधिक हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 32% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाती है।
जनवरी 2025 में ही, आधार धारकों द्वारा 284 करोड़ से अधिक प्रमाणीकरण लेनदेन किए गए, जबकि फरवरी में यह संख्या 225 करोड़ रही। इस अवधि में, औसतन प्रतिदिन 9 करोड़ से अधिक प्रमाणीकरण लेनदेन हो रहे हैं, जो आधार की बढ़ती उपयोगिता और स्वीकार्यता को दर्शाता है।
आधार आधारित ई-केवाईसी सेवाओं का भी व्यापक उपयोग हो रहा है। जनवरी में 43 करोड़ से अधिक ई-केवाईसी लेनदेन हुए, जिससे कुल ई-केवाईसी लेनदेन की संख्या 2,268 करोड़ से अधिक हो गई है।
इसके अलावा, आधार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक, जिसे UIDAI द्वारा विकसित किया गया है, का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। जनवरी में लगभग 12 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेनदेन हुए, जिससे कुल संख्या 102 करोड़ के पार पहुंच गई है। यह तकनीक वित्त, बीमा, स्वास्थ्य और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
सरकार द्वारा आधार प्रमाणीकरण सेवाओं को सरकारी और निजी संस्थाओं के लिए विस्तारित करने से ई-कॉमर्स, यात्रा, पर्यटन, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में नवाचार और सेवा वितरण में सुधार की उम्मीद है।
यह वृद्धि भारत के डिजिटल इकोनॉमी के विस्तार और नागरिकों के जीवन में आधार की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।