ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप 2025 के मैच का बहिष्कार करने की मांग ने देशभर में एकजुटता की लहर पैदा कर दी है। पुलवामा, 26/11 और पहलगाम हमलों के मद्देनजर, जहां निर्दोष नागरिकों की जान गई, लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों को जारी रखना राष्ट्रीय संवेदनाओं के खिलाफ है।
शिवसेना (UBT) ने ‘सिंदूर रक्षा’ आंदोलन की शुरुआत की है, जिसमें महाराष्ट्र की हजारों महिलाएं अपने घरों का सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज रही हैं। यह प्रतीकात्मक विरोध पहलगाम हमले में महिलाओं की शहादत के प्रति सम्मान व्यक्त करता है।
पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी इस मैच का विरोध करते हुए कहा कि जब दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं, तो क्रिकेट मैच नहीं होने चाहिए।
हालांकि, आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ केवल एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) टूर्नामेंटों में ही खेलेगा, जो सरकार की नीति के अनुरूप है।
इस आंदोलन ने न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि आम जनता को भी प्रभावित किया है, जो अपने राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट हो रहे हैं।