इंडिया टुडे की विशेष जांच ‘ऑपरेशन मुर्शिदाबाद पार्ट 2’ ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा की गहरी साजिश का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन और कट्टरपंथी विचारधारा वाले एनजीओ ने स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा का फायदा उठाकर हिंसा को भड़काया। इन संगठनों ने डिजिटल और जमीनी स्तर पर युवाओं को उकसाने का काम किया, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिला।
मुर्शिदाबाद हिंसा में प्रतिबंधित संगठन जैसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) की संलिप्तता की पुष्टि हुई है। इन संगठनों ने स्थानीय एनजीओ के माध्यम से युवाओं को उकसाया और हिंसा को अंजाम दिया। स्थानीय नेताओं और पुलिस की लापरवाही ने इन संगठनों को अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की।
इस हिंसा में कई लोगों की जान गई और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की, लेकिन स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा ने स्थिति को बिगाड़ा। अब, उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है, जो स्थानीय नेताओं और पुलिस की भूमिका की जांच करेगी।
यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे कट्टरपंथी विचारधारा वाले संगठन और एनजीओ स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा का फायदा उठाकर समाज में अशांति फैला सकते हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।