भारत ने पाकिस्तान और पाक-नियंत्रित कश्मीर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया — इस लड़ाकू अभियान की सटीकता पर NSA अजीत डोभाल ने जोर दिया। उन्होंने IIT मद्रास के दीक्षांत समारोह में कहा कि यह हमले 23 मिनट में पूरी तरह से नियोजित तरीके से हुए, बिना किसी बगैर उद्देश्य के गोलाबारी किय। उन्होंने चुनौती दी कि “एक भी फोटो दिखाइए जिसमें भारत में कोई नुकसान हुआ हो—even a broken glass!” ।
ये हमले 7 मई को पल्गाम आतंकवादी हमले (22 अप्रैल) का जवाब थे, जिसमें 26 नागरिकों की हत्या हुई थी। ऑपरेशन में ब्राह्मोस, स्कैल्प मिसाइल, राफेल के लोंगरेंज हथियार और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था । नौ लक्षित ठिकानों में जेईएम का बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके मुख्यालय शामिल थे, जहाँ 26/11 हमले का प्रशिक्षण हुआ था ।
संयुक्त तीनों सेनाओं की कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जबकि भारत को कोई क्षति नहीं हुई — रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने स्पष्ट किया कि हमले में कोई राफेल विमान नहीं खोया गया और पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा ।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीकानेर रैली में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को “घुटनों पर ला दिया” । विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे “नाप-तौलकर, अनुपातिक व गैर-आक्रामक” कदम बताया, जिसका उद्देश्य पुलयुद्ध आतंकवाद को जवाब देना था ।