FSI की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2023 से जून 2024 तक राज्य में लगभग 1.81 लाख हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आए—इसमें से अकेले इस मानसून में 1.75 लाख हेक्टेयर प्रभावित हुए हैं। जबकि राज्य वन विभाग का कहना है कि पिछले 25 वर्षों में कुल केवल 58 हजार हेक्टेयर जल गया है, जो रिपोर्ट में भारी अंतर दर्शाता है।
उत्तराखण्ड में पाइन needles की चिपकन और कूड़े के ढेर जंगलों की भट्टी बन रहे हैं, और कई बार नियंत्रित जला भी आग की चपेट में आ चुका है । हालांकि विभाग ने नियंत्रित बर्निंग से 2 लाख हेक्टेयर तक वन की सफाई की कार्रवाई की, पर इसके बावजूद भी सैकड़ों आग की घटनाएँ हुईं।
वन महकमे के मनोनीत प्रमुख, निशांत वर्मा ने बताया कि इस बार फायर अलर्ट सिस्टम, मोबाइल एप और युवा समूहों की भागीदारी से बेहतर नियंत्रण संभव हो सकता है।