22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है।
हमले के तरीके में हमास जैसे आतंकी संगठनों की ‘टारगेट किलिंग’ रणनीति की झलक मिलती है। आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनकी पहचान पूछी और फिर गोलीबारी की। इस हमले का उद्देश्य अमरनाथ यात्रा से पहले भय का माहौल बनाना था।
टीआरएफ का ‘फाल्कन स्क्वॉड’ जैसे मॉड्यूल अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं और उन्हें ऊंचे और जंगली इलाकों में छिपने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से दिल्ली तक हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यह हमला कश्मीर में आतंकवाद की नई रणनीति की ओर इशारा करता है, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर भय और अस्थिरता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।