पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री हनीफ अब्बासी ने हाल ही में भारत के खिलाफ खुलेआम परमाणु हमले की धमकी दी है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के पास 130 परमाणु हथियार हैं, जो भारत की ओर लक्षित हैं। यह बयान पाकिस्तान की ‘फुल स्पेक्ट्रम डिटरेंस’ नीति के तहत दिया गया है, जिसका उद्देश्य भारत को सैन्य कार्रवाई से रोकना है। हालांकि, इस नीति ने दक्षिण एशिया में परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ा दिया है।
अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है और नए प्रकार के परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का जोखिम बढ़ गया है। अमेरिका ने पाकिस्तान की मिसाइल विकास परियोजनाओं पर चिंता जताई है और संबंधित संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने भी भारत को चेतावनी दी है कि यदि भारत ने पाकिस्तान की परमाणु स्थलों पर हमला किया, तो पाकिस्तान भी संयम नहीं बरतेगा। इन बयानों से भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ गया है और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों को संयम बरतते हुए संवाद के माध्यम से विवादों का समाधान करना चाहिए।