17 मई 2025 को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए मिसाइल हमलों में पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस सहित कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुँचा है। शहबाज शरीफ ने बताया कि उन्हें 10 मई की रात 2:30 बजे सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने फोन कर इस हमले की जानकारी दी थी।
नूर खान एयरबेस, जो इस्लामाबाद के पास स्थित है, पाकिस्तान के VVIP और सैन्य उड़ानों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस एयरबेस पर भारतीय मिसाइलों का गिरना पाकिस्तान की वायु सुरक्षा प्रणाली की गंभीर कमजोरी को दर्शाता है। पूर्व पाकिस्तानी एयर मार्शल मसूद अख्तर ने भी स्वीकार किया कि इस हमले में पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण AWACS विमान नष्ट हो गया।
इस हमले के बाद, पाकिस्तान सरकार ने ‘मारका-ए-हक’ नामक एक अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना बताया गया है। इस कबूलनामे के साथ, पाकिस्तान ने पहली बार भारतीय सैन्य कार्रवाई के प्रभाव को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।