भारत की संसद ने 11 अगस्त 2025 को मर्चेंट शिपिंग बिल, 2025 को पारित किया, जो भारतीय समुद्री कानूनों में एक ऐतिहासिक सुधार है। यह विधेयक 1958 के पुराने मर्चेंट शिपिंग एक्ट की जगह लेगा और भारत को वैश्विक समुद्री मानकों के अनुरूप एक आधुनिक और प्रतिस्पर्धी समुद्री नीति प्रदान करेगा।
इस विधेयक में 16 भाग और 325 धाराएँ हैं, जो समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, आपातकालीन प्रतिक्रिया, और भारतीय जहाजों के पंजीकरण को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती हैं। इसके अलावा, यह विधेयक समुद्री दुर्घटनाओं की जांच और अन्वेषण के लिए प्रावधान भी करता है।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि यह भारत को एक वैश्विक समुद्री व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि यह विधेयक भारतीय समुद्री क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और “विकसित भारत” के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा।
इस विधेयक के पारित होने से भारतीय समुद्री उद्योग में निवेश, नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, और भारत की समुद्री शक्ति को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी।