31 जुलाई, 2025 को संसद मानसून सत्र का प्रारंभ विवादास्पद घोषणा के साथ हुआ, जब विपक्षी सांसदों ने बिहार में चुनाव आयोग की Special Intensive Revision (SIR) के खिलाफ लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार प्रदर्शन शुरू किया। इसके विरोध में इंडिया ब्लॉक के सांसदों — कांग्रेस की सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, सपा के अखिलेश यादव सहित — ने संसद परिसर में धारा 267 के तहत “Suspension of Business” नोटिस डाला, लेकिन अध्यक्ष ने इसे स्वीकार नहीं किया।
सुबह लोकसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा नारों, प्लेकार्ड दिखाने और वेल में घुसने की कार्रवाई के बीच शून्यित कर दी गई, और लोकसभा दोपहर 2 बजे तक तथा राज्यसभा दोपहर 12 बजे तक स्थगित रह गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से पूछा, “क्या जनता ने आपको नारेबाज़ी के लिए चुना है?”
यह हंगामा पहले से ही चार दिनों से चल रही बिहार SIR विरोध प्रदर्शन का हिस्सा है, जिसमें विपक्ष कई बार सदन में व्यवधान डाल चुका है। पश्चिम बंगाल की TMC सांसदों ने भी स्पष्ट समयसीमा के साथ SIR और Operation Sindoor चर्चा की मांग की है। विरोधियों का आरोप है कि SIR लोकतंत्र के मूल अधिकार—मतदाता सूची से नागरिकों को अवैध रूप से हटाया जा रहा है।
सरकार का पक्ष अभी भी SIR को “मतदाता सूची की सफाई” बताकर जारी है, लेकिन राजनीतिक विभाजन तेज होता जा रहा है। राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं समेत इस मुद्दे पर मतभेद के चलते संसद की कार्यवाही प्रभावित हो रही है।