महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित नागपुर‑गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के लिए सरकारी भूमि सर्वेक्षण का विरोध तेज़ हो गया है। मंगलवार कोछत्रपति संभाजीनगर, नांदेड़, बीड़, हिंगोली, परभणी आदि जिलों में किसान बड़े पैमाने पर सड़क पर उतर आए और सर्वे टीमों का विरोध किया। उन्होंने सड़कों पर बैठकर सर्वे कार्य को बाधित किया और “सरकार ने हमसे भूमि हटाने की योजना बिना किसी परामर्श के बनाई” कहकर गहरी नाराज़गी जाहिर की।
किसान संगठन विशेषकर रेड्डी शांति सेना और PWP ने आरोप लगाया कि सर्वे करने वाले अधिकारी भारी पुलिस सुरक्षा के साथ आए, जिसका उद्देश्य किसानों की आवाज दबाना है। उन्होंने घोषणा की कि “हमारी उपजाऊ भूमि को मुक्त नहीं करेंगे” और भू‑स्वामित्व की रक्षा के लिए “चक्का जाम” सहित कड़े विरोध-प्रदर्शन किए ।
प्रधानमंत्री फडणवीस की अगुवाई में राज्य सरकार ने इस 802 किमी ग्रीनफील्ड परियोजना पर 20,787 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, लेकिन किसानों की आपत्तियों — अद्यतन मुआवज़े, भूमि जमीनी मूल्य, पर्यावरणीय प्रभाव — पर कोई संतोषजनक चर्चा अभी तक नहीं हुई।