उत्तराखंड में बिजली वितरण में तकनीकी सुधार की दिशा में बड़ी पहल शुरू हो चुकी है। राज्य में अब तक 2 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं और कुल 16 लाख उपभोक्ताओं के घरों एवं प्रतिष्ठानों में यह मीटर लगाया जाएगा, जिससे बिजली की खपत और बिलिंग निष्पक्ष और पारदर्शी होगी ।
ऊर्जा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी Dr. R. Meenakshi Sundaram ने देहरादून से जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं को रियल-टाइम बिजली उपयोग की जानकारी, मोबाइल ऐप पर उपभोग का रुझान, और ऑनलाइन पेमेंट विकल्प उपलब्ध होंगे । साथ ही, बिजली चोरी और बिल संबंधी शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आएगी क्योंकि अब मीटर रीडिंग मनुष्य द्वारा नहीं बल्कि स्वचालित रूप से होगी ।
सूत्रों के अनुसार राज्य में प्राथमिक रूप से 15.87 लाख कंज्यूमर मीटर, 59,212 ट्रांसफॉर्मर मीटर, और 2,602 फीडर मीटर को जून 2026 तक बदलने का लक्ष्य रखा गया है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निवास स्थान पर भी यह मीटर लगाया गया, जिससे आम जनता का विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया गया ।
इस पहल का उद्देश्य है ऊर्जा प्रबंधन में दक्षता लाना, उपभोक्ताओं को उनके उपयोग के प्रति जागरूक करना, और बिजली आपूर्ति में पारदर्शिता बनाए रखना। हालांकि कुछ उपभोक्ताओं ने झूठे बिलों की समस्या की शिकायत की है, लेकिन ऊर्जा विभाग ने इन मामलों में जल्द सुधार व बिल समायोजन का आश्वासन दिया है । इस कदम से उत्तराखंड एक डिजिटल और स्मार्ट ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में बढ़त ले रहा है।