भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी Tata Consultancy Services ने FY26 में अपना वैश्विक कर्मचारियों का संग्रह लगभग 2% (करीब 12,000 कर्मचारी) तक घटाने की घोषणा की है। यह मुख्यतः मिड और सीनियर स्तर के कर्मियों को प्रभावित करेगा और इसका उद्देश्य कंपनी को “future‑ready organisation” बनाना है ।
इसके कारण TCS के शेयरों में 1.7% से 2% तक गिरावट देखी गई। सोमवार, 28 जुलाई को BSE पर TCS शेयर ₹3,081.20 तक गिर गए, जबकि NSE पर ₹3,088.90 प्रति शेयर पर ट्रेडिंग हुई । Wipro और Infosys जैसे अन्य प्रमुख आईटी शेयर भी इस घोषणा के बाद 3% तक गिर गए और Nifty IT इंडेक्स लगभग 1.6% कम हुआ ।
TCS के CEO K. Krithivasan ने स्पष्ट किया कि यह छंटनी AI‑आधारित कार्यक्षमता वृद्धि के कारण नहीं, बल्कि कौशल असंगति (skill mismatch) और नए प्रोडक्ट-आधारित मॉडल के अनुसार पुनर्संरचना हेतु की जा रही है । उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी क्वालिटी टैलेंट की भर्ती और स्किल ट्रेनिंग जारी रखेगी।
छंटनी की प्रक्रिया साझा रूप से FY26 में की जाएगी और प्रभावित कर्मचारियों को नोटिस‑परियड भुगतान, सेवरेन्स पैकेज, इंसुरेंस बढ़ाव, आउटप्लेसमेंट सपोर्ट और काउंसलिंग सुविधाएं दी जाएंगी ।
कंपनी का कुल वैश्विक कर्मचारी संख्या प्रति जून 2025 तक 613,069 थी। यह निर्णय IT सेक्टर में मांग में गिरावट, आर्थिक असमानता, फीस‑संबंधी क्लाइंट‑निर्णयों में देरी और अव्यवस्थित HR नीति के चलते लिया गया माना जा रहा है।