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दिल्ली में कब्रगाह बनते वाहन? सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सरकार की अपील पर सुनवाई

दिल्ली में कब्रगाह बनते वाहन? सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सरकार की अपील पर सुनवाई

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 10 साल से अधिक पुरानी डीज़ल गाड़ियों और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर लगाए गए बैन को चुनौती दी गई है ।

यह आदेश पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (2014) द्वारा जारी किया गया था और Supreme Court ने अक्टूबर 2018 में इसे बरकरार रखा था।

दिल्ली सरकार का तर्क है कि उम्र के आधार पर लगाए गए इन प्रतिबंधों में वैज्ञानिक आधार नहीं है और वे अच्छे रखरखाव वाली, कम प्रदूषण वाली गाड़ियों को भी प्रभावित करते हैं। सरकार मांग कर रही है कि वाहनों की फिटनेस वास्तविक उत्सर्जन स्तर के आधार पर जाँची जाए, न कि केवल उनके वर्षों के आधार पर ।

पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा है कि कई पुराने वाहन, कम उपयोग और BS‑VI मानकों का पालन करने के बावजूद सुरक्षित हैं। इसके विपरीत, कुछ नई गाड़ियाँ भारी उपयोग के चलते अधिक प्रदूषण कर सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ—जिसमें CJI बी. आर. गवैया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन शामिल हैं—इस मामले की सुनवाई आज करेगी और सरकार ने केंद्र व CAQM को एक वैज्ञानिक अध्ययन कराने का निर्देश देने की भी याचिका की है।

यह फैसला उम्र-आधारित प्रतिबंधों से हटकर निष्पक्ष, उत्सर्जन-आधारित नियमों की ओर सुविचारित बदलाव ला सकता है, खासकर उन गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए जो अच्छी हालत में बनी पुरानी गाड़ियों पर निर्भर हैं ।

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