वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को मिलने वाले $2.2 बिलियन (करीब 18,000 करोड़ रुपये) के सरकारी अनुदान को अस्थायी रूप से रोक दिया है। प्रशासन का कहना है कि “निवेश कोई अधिकार नहीं है,” और यह निर्णय मौजूदा वित्तीय पारदर्शिता और प्राथमिकता नीति के तहत लिया गया है।
इस फैसले के पीछे तर्क यह दिया गया है कि फंड आवंटन के लिए पहले व्यापक समीक्षा की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धनराशि सही दिशा में जा रही है और समाज के अन्य ज़रूरतमंद हिस्सों की अनदेखी नहीं हो रही। शिक्षा विभाग और बजट कार्यालय अब सभी बड़े शैक्षणिक संस्थानों के अनुदानों की समीक्षा कर रहे हैं, जिनमें हार्वर्ड प्रमुख नाम है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय, जो कि अमेरिका के सबसे पुराने और समृद्ध विश्वविद्यालयों में से एक है, ने इस कदम को “निराशाजनक और छात्रों की प्रगति के लिए बाधक” बताया है। हालांकि ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता और संसाधनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है।
यह कदम शिक्षा जगत में बड़े बदलावों की ओर संकेत करता है।