अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 जुलाई, 2025 को वैश्विक व्यापार युद्ध में एक नया अध्याय जोड़ा – तांबे पर 50% और फार्मा दवाओं पर 200% तक का कड़ा टैरिफ प्रस्तावित किया ।
तांबे पर 50% टैरिफ:
ट्रंप के इस फैसले से तांबे की कीमतों में 10–13% की तेज उछाल देखी गई; अमेरिकी तांबे की फ्युचर्स कीमत 5.6450 डॉलर प्रति पाउंड तक पहुंच गई, जो 1968 के बाद का सबसे बड़ा एकदिवसीय उछाल था।
200% फार्मा टैक्स की चेतावनी:
फार्मा कंपनियों को 1–1.5 साल का “ग्रेस पीरियड” दिया गया है, लेकिन इसके बाद दवाओं पर 200% अतिरिक्त टैरिफ लागू किया जाएगा ।
भारत के लिए प्रभाव:
– भारत अमेरिका के लिए तांबे का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है (17% हिस्सा, 360 मिलियन डॉलर) ।
– अमेरिका भारत की सबसे बड़ी दवा बाजार है; FY25 में 9.8 बिलियन डॉलर का फार्मा निर्यात हुआ, जो देश के कुल फार्मा निर्यात का 40% है।
– देश की जेनरिक दवा उद्योग को यह निर्णय सीधे प्रभावित करेगा, जिससे घरेलू बाजार को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन शुरुआती आर्थिक दबाव भी बढ़ेगा।
विदेशी मुद्रा और शेयर बाजार पर असर:
– भारतीय रुपये में गिरावट की आशंका के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोरी की संभावना बनी हुई है (85.74–86.00 की सीमा) ।
– शेयर बाजार पर भी दबाव नजर आ रहा है: फार्मा इंडेक्स में 0.3% तक की गिरावट देखी गई, वहीं निफ्टी और सेंसेक्स मामूली रूप से कमजोर रहे।