यूक्रेन ने हाल ही में दो चीनी नागरिकों, वांग गुआंगजुन और झांग रेनबो, को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया, जो कथित रूप से रूस के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे। इन दोनों को डोनेट्स्क क्षेत्र में पकड़ा गया था। यूक्रेन का दावा है कि रूस सोशल मीडिया के माध्यम से चीनी नागरिकों की भर्ती कर रहा है, जिससे बीजिंग की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
इन चीनी बंदियों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें वित्तीय प्रलोभन देकर भर्ती किया गया था, लेकिन युद्ध की वास्तविकता ने उन्हें गहरा पछतावा कराया। उन्होंने अन्य चीनी नागरिकों से इस युद्ध में भाग न लेने की अपील की।
बीजिंग ने इन आरोपों को “गैर-जिम्मेदाराना” करार देते हुए कहा है कि चीन इस संघर्ष में पक्षकार नहीं है और उसने अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
यूक्रेन द्वारा युद्धबंदियों को सार्वजनिक करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन माना जा सकता है, लेकिन यह कदम बीजिंग पर दबाव बनाने के उद्देश्य से उठाया गया प्रतीत होता है।
इस घटनाक्रम ने रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन की भूमिका पर वैश्विक ध्यान केंद्रित किया है और बीजिंग की निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न किया है।