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उत्तर प्रदेश ने कृषि अपशिष्ट से जेट ईंधन बनाने के लिए सतत एविएशन ईंधन नीति की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश ने कृषि अपशिष्ट से जेट ईंधन बनाने के लिए सतत एविएशन ईंधन नीति की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य सरकार ने हाल ही में सतत एविएशन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel – SAF) नीति लॉन्च की है, जिसके तहत कृषि अपशिष्ट को आधुनिक तकनीकों की मदद से जेट ईंधन में परिवर्तित किया जाएगा। यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि किसानों के लिए भी आर्थिक अवसर पैदा करेगी।

इस नीति का उद्देश्य कृषि बचत सामग्री जैसे गेहूं का भूसा, धान की पत्तियाँ और अन्य कृषि अवशेषों का उपयोग कर स्वच्छ, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल जेट ईंधन का उत्पादन करना है। इससे न केवल पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी, बल्कि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह नीति राज्य की आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ ही देश में स्वच्छ ऊर्जा क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कृषि अपशिष्ट को ऊर्जा स्रोत में बदलने की इस पहल को प्रदेश के किसानों और उद्योगों के लिए लाभकारी बताया।

यह नीति उत्तर प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

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