उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में अनिवार्य हुआ गीता श्लोक पाठ, हर दिन प्रार्थना सभा में होगा पाठ

उत्तराखंड सरकार ने आज एक आदेश जारी किया जिसके तहत राज्य के समस्त सरकारी विद्यालयों में प्रतिदिन भगवद गीता के एक श्लोक का पाठ सुबह की प्रार्थना सभा में अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने की दिशा में एक कदम है।

आदेश में निर्देश दिया गया है कि शिक्षक केवल पाठ न करें, बल्कि श्लोक का सार्थक अर्थ, वैज्ञानिक प्रासंगिकता, और नैतिक शिक्षाएँ छात्रों को समझाएँ। सप्ताह में एक श्लोक को “श्लोक ऑफ द वीक” घोषित कर, उसे स्कूल के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करना और सप्ताह के अंत में छात्रों से उसके प्रभाव पर चर्चा कर फीडबैक लेना भी अनिवार्य है ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बच्चों में कर्तव्यपरायणता, नेतृत्व, और भावनात्मक संतुलन जैसे गुण विकसित होंगे । हालांकि, कुछ शिक्षण संगठनों ने इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताते हुए, संविधान के अनुच्छेद 28(1) का हवाला देते हुए इसे “धार्मिक अनिवार्यता” करार दिया है ।

पहली बार आज से लागू यह पहल, आधिकारिक तौर पर 14 जुलाई 2025 के दिनांकित है, और विभिन्न शिक्षण निकायों व अभिभावकों के बीच बहस का विषय बनी हुई है।

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