उत्तराखंड पंचायत चुनाव में महिलाओं की बड़ी जीत: ‘छोटी सरकार’ में 59% सीटों पर महिला दावेदारी का जलवा!

उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार महिलाओं की भागीदारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है — प्रधान पदों में 7,499 सीटों में से 3,772 यानी 50.3% सीधे महिलाओं के नाम हुई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन ने महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिए इस आरक्षण की व्यवस्था लागू की है । इस उच्च स्तरीय आरक्षण का मकसद ग्रामीण नेतृत्व में महिलाओं का दबदबा बनाना है, और यह आंकड़ा पिछले चुनाव की तुलना में भी बढ़ा हुआ है, जब महिला प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी लगभग 52% थी ।

चुनाव दो चरणों में होंगे — 10 और 15 जुलाई को मतदान होगा, और परिणाम 19 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। कुल 66,418 सदस्य पदों के लिए वोटिंग होगी, जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान, ब्लॉक सदस्य व ज़िला पंचायत सदस्य शामिल हैं। कुल 47.7 लाख मतदाता इसमें हिस्सा लेंगे, जिसमें महिलाओं की संख्या 23.1 लाख है, जो पुरुषों (24.6 लाख) के करीब है ।

इस विकास से ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण को बड़ी बुनियादी ताक़त मिली है। कई महिलाएं पहली बार प्रधान पद का दायित्व संभाल रही हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इस आरक्षण को वास्तविक नेतृत्व में बदलने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान की आवश्यकता बताते हैं ।

यह बदलाव पंचायतों में निर्णय लेने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगा। अब सवाल यह है कि ये नेता अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल कर ग्रामीण विकास और प्रशासन सुधार में कितना योगदान देंगी।

मुख्य समाचार

सीबीआई को मिली बड़ी कामयाबी, दो दशक बाद भारत लाई गई मोनिका कपूर

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार 9 जुलाई को...

उत्तराखंड में सख्त भू-कानून का असर: बड़ी कार्रवाई में तीन हेक्टेयर ज़मीन कब्जे से मुक्त

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त भू‑कानून...

Topics

More

    सीबीआई को मिली बड़ी कामयाबी, दो दशक बाद भारत लाई गई मोनिका कपूर

    केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार 9 जुलाई को...

    Related Articles