उत्तराखंड के श्रीनगर कस्बे में रिषिकेश–करनप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत सुरंग निर्माण के दौरान किए गए ब्लास्ट के कारण कम से कम 9 मकानो में दरारें पड़ गई हैं और कई घरों के संरचनात्मक हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। स्थानीय निवासी ब्लास्ट को ही कारण मानते हुए प्रशासन से मुआवज़ा और पूरे पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
श्रीनगर एसडीएम नुपुर वर्मा ने बताया कि रेल विकास निगम (RVNL), लोक निर्माण विभाग और संबंधित अन्य एजेंसियों की बैठक बुलाई गई है, ताकि हुए नुकसान का त्वरित समाधान खोजा जा सके। RVNL के भूवैज्ञानिक विजय डांगवाल ने कहा कि तकनीकी जांच के बाद यदि सुपुर्दा होता है कि घरों को क्षति ब्लास्टिंग के कारण हुई है, तो पूरी क्षतिपूर्ति की जाएगी। हाल अभी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि वास्तव में ये दरारें ब्लास्ट के कारण ही आई हैं।
स्थानीय निवासी वासुदेव कंदारी ने बताया कि उन्हें रात में कम्पन और तीव्र धमाके महसूस हुए, जिसके बाद दरारें बढ़ गईं। उनकी दीवारें टूट गईं, फर्श फट गया और प्राचीर झुक गई, जिससे वे किराए पर रहना मजबूर हो गए। कई लोग तुरंत अस्पताल और प्रशासन से सहायता की मांग कर रहे हैं।
यह मामला रिषिकेश–करनप्रयाग रेल लाइन के तहत व्यापक सुरंग और ब्लास्टिंग गतिविधियों का एक चिंताजनक उदाहरण है, जो स्थानीय बस्तियों में प्रत्यक्ष प्रभाव छोड़ते हुए समुदाय की सुरक्षा और परियोजना की जिम्मेवारी पर सवाल उठा रहा है।