Uttarakhand: उत्तराखंड की ये 4 जगहें बेहद खूबसूरत, कम बजट में शानदार ट्रिप

अगर आप काम की भागदौड़ से एक ब्रेक लेना चाहते हैं तो उत्तराखंड जाने का प्लान बना सकते हैं. यहां की पहाड़ी जगहों पर कुदरत का अद्भुत नजारा देखकर आप अपनी सारी थकान भूल जाएंगे. उत्तराखंड घूमने के लिए मार्च-अप्रैल का महीना बेस्ट माना जाता है. यहां हम बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी जगहों के बारे में जो बजट में वेकेशन के लिए सबसे अच्छी मानी जाती हैं.


घंगारिया (Ghangaria)- घंगारिया उत्तराखंड के चमोली जिले में बसा एक सुंदर सा गांव है. यह श्री हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी के आखिरी छोर पर बसा है. पुष्पावती और हेमगंगा नदियों के संगम पर स्थित घंगारिया पहुंचने के लिए गोविंद घाट से 13 किलोमीटर की ट्रैकिंग करके जाना पड़ता है. यहां आने का सबसे अच्छा मौसम मार्च-अप्रैल है जब बर्फ पूरी तरह साफ हो जाती है और हर तरफ वसंत के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं.कैंपिंग के लिए ये जगह अच्छी है. यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए कई अच्छे होटल्स और सरकारी रेस्ट हाउस भी हैं.

चौकोरी (Chaukori)- नैनीताल से 173 किलोमीटर दूर चौकोरी किसी सपनों के हिल स्टेशन की तरह है. यहां से नंदा देवी और पंचचूली चोटियों के भव्य नजारे दिखाई देते हैं. दिलचस्प बात ये है कि चौकोरी में घने जंगलों के साथ चाय के बागान भी हैं.

चौकोरी नाम का अर्थ ही है हिमालय के दिल में बसी एक जगह. ओक, चीड़ और बुरांस पेड़ों के बीच फलों के बाग हर नेचर लवर्स को अपनी तरफ खींच लेते हैं. हनीमून के लिए भी ये जगह कपल्स के बीच काफी लोकप्रिय है.
रानीखेत (Ranikhet) – कहा जाता है कि रानीखेत का नाम कुमाऊं की रानी पद्मिनी के नाम पर पड़ा है. उनके पति राजा सुधादेव ने रानी के लिए इस हिल स्टेशन पर एक महल बनवाकर उनका दिल जीत लिया था. रानी पद्मिनी को ये जगह बहुत पसंद थी. हालांकि अब ये महल मौजूद नहीं है लेकिन यहा सुंदर घास के मैदान और फलों के बाग लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.

रानीखेत भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्यालय है और शाम के समय छावनी क्षेत्र की सैर करना आपका अनोखा अनुभव देगा. रानीखेत के सेब दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. अगर आप यहां घूमने जा रहे हैं तो सेब की खरीदारी जरूर करें.

रामनगर (Ramnagar)- रामनगर कुमाऊं क्षेत्र और नैनीताल जिले में बसा एक गांव है. यह जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है. यहां आने वाले पर्यटक पास में स्थित सीताबनी मंदिर और गिरिजा देवी मंदिर के भी दर्शन करने जरूर जाते हैं. यह जगह लीची की खेती के लिए भी काफी लोकप्रिय है.

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