पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है, मगर सियासी सरगर्मियां अभी से ही तेज हो गई हैं. एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है,
दूसरी ओर ममता बनर्जी के सबसे करीबी माने जाने वाले दिग्गज टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी ने बगावत की आवाज बुलंद कर दी है.
चुनाव सिर पर है, मगर पश्चिम बंगाल सरकार में परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने बागी तेवर अपना कर ममता बनर्जी को एक नई टेंशन दे दी है. यह टेंशन भी ऐसी है कि ममता की करीब 20 सीटें प्रभावित हो सकती हैं.
कभी नंदीग्राम में ममता बनर्जी के लिए सिपाही की भूमिका निभाने वाले शुभेंदु अधिकारी आखिर अब बागी क्यों हो गए हैं?
राजनीतिक पंडितों की मानें तो शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी से नाराज चल रहे हैं.
इसके अलावा, जिस तरह से प्रशांत किशोर ने बंगाल में संगठनात्मक बदलाव किया है, उससे भी वह नाखुश हैं. साथ ही शुभेंदु अधिकारी चाहते हैं कि पार्टी कई जिलों की 65 विधानसभा सीटों पर उनकी पसंद के उम्मीदवारों को मैदान में उतारे.
शुभेंदु को ऐसा महसूस होता है कि उनकी पार्टी में अब उपेक्षा हो रही है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि पूर्वी मिदनापुर में ही नंदीग्राम आता है, जहां जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन ने ममता बनर्जी की पार्टी के सत्ता में पहुंचने की राह तैयार की थी.
इस आंदोलन में शुभेंदु ने सेनापति की भूमिका निभाई थी और जो कभी लेफ्ट का गढ़ हुआ करता था, वहां शुभेंदु ने टीएमसी का राज स्थापित करवाया था.