मध्य प्रदेश में कानून के रखवालों पर हो रहे हमलों की कड़ी ने चिंता बढ़ा दी है। मऊगंज जिले में मार्च में हुई दर्दनाक घटना में ASI रामचरण गौतम को भीड़ ने लाठी-डंडों व पत्थरों से हमला कर मौत के घाट उतार दिया । बताया गया कि आदिवासी वर्ग द्वारा एक संदिग्ध को अगवा कर हत्या करने के बाद पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया था। इसी दौरान पुलिस दल पर भीषण पथराव हुआ, जिसमें RAMGautam समेत एक अन्य व्यक्ति की भी जान चली गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
उधर गुना जिले में एक अत्यंत गंभीर घटना में पुलिस अधिकारी पर पहाड़ी गांव में त्रिशूल से हमला होने की खबर मिली है। हालांकि इस हमले में अभी तक मौत की सूचना नहीं आई, लेकिन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हैं । यह घटना इस बात का संकेत है कि अब ग्रामीण इलाकों में भी पुलिस बल को सुरक्षा की नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन घटनाओं के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने मऊगंज का SP और कलेक्टर बदल दिया, वहीं सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है । विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ऐसी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का संकेत हैं, जहां पुलिस को खुद को सुरक्षित रखने की आवश्यकता बढ़ गई है।
इन हमलों से स्पष्ट हो रहा है कि अब सिर्फ अपराधियों से नहीं, बल्कि असंगठित भीड़ से भी सुरक्षा की आवश्यकता है। क्या अब कानून के रखवालों को भी “रक्षक” की तरह बनाए रखना होगा, इस पर गंभीर विचार की जरूरत है।