देशभर में जुगनुओं की संख्या का पता लगा रहा भारतीय वन्यजीव संस्थान, धीरे-धीरे होते जा रहे खत्म

भारतीय वन्य जीव संस्थान एक अन्य संस्था के साथ मिलकर देशभर में जुगनुओं की संख्या का पता लगा रहा है। संस्थान के वैज्ञानिकों के मुताबिक, दुनियाभर में जुगनुओं की लगभग 2200 प्रजातियां हैं, जबकि कई अन्य खोजी जानी हैं। देश और दुनियाभर में तेजी से निर्माण कार्यों के चलते ये उनकी यादों की तरह धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं।

लोगों को इनके प्रति जागरूक करने एवं इन पर अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए इनकी संख्या का पता लगाया जा रहा है। भारतीय वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिकों के मुताबिक, जुगनू एक स्वस्थ पर्यावरण के जैव-संकेतक के रूप में कार्य करते हैं। उनकी उपस्थिति अच्छी मिट्टी की संरचना, पानी की गुणवत्ता आदि का संकेत देती है।

इसके अलावा जुगनू बगीचे के कीटों जैसे स्लग, घोंघे और अन्य छोटे जीवों के संभावित शिकारी हैं और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं। इनका जीवनचक्र मात्र एक से दो साल का होता है, जो पत्तियों और मिट्टी पर अंडे देते हैं। उनके अंडे तीन से चार सप्ताह में लार्वा में बदल जाते हैं।

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