Zoho के सह-संस्थापक और मुख्य वैज्ञानिक श्रीधर वेम्बू ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि उनकी कंपनी आईपीओ (IPO) के लिए कोई योजना नहीं बना रही है। उन्होंने हाल ही में X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हमें Zoho को सार्वजनिक करने का दबाव समझ में आता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि Arattai जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स शायद ही कभी सार्वजनिक कंपनियों में बन पाते।”
वेम्बू का मानना है कि सार्वजनिक कंपनियों पर तिमाही वित्तीय दबाव होता है, जो दीर्घकालिक तकनीकी नवाचारों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने उदाहरण के रूप में Arattai का उल्लेख किया, जो एक भारतीय स्वदेशी मैसेजिंग ऐप है, जिसे Zoho ने हाल ही में लॉन्च किया है।
Zoho ने हमेशा से सार्वजनिक पूंजी से दूर रहते हुए अपने उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया है। वेम्बू का कहना है कि इस स्वतंत्रता के कारण ही कंपनी ने अपनी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत किया है और भारत में एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम का निर्माण किया है।