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असम का सुरों का सम्राट: जुबिन गर्ग नहीं रहे, 40 भाषाओं में गाया, 12 वाद्ययंत्रों के थे माहिर, सिंगापुर में ली अंतिम सांस

असम का सुरों का सम्राट: जुबिन गर्ग नहीं रहे, 40 भाषाओं में गाया, 12 वाद्ययंत्रों के थे माहिर, सिंगापुर में ली अंतिम सांस

असम के लोकप्रिय गायक और संगीतकार जुबिन गर्ग का निधन हो गया है। उन्होंने सिंगापुर में अंतिम सांस ली। 49 वर्षीय जुबिन को असम का ‘हार्ट-थ्रॉब’ कहा जाता था। उनकी लोकप्रियता सिर्फ असम तक सीमित नहीं थी, बल्कि पूरे देश और विदेशों में फैली हुई थी। जुबिन गर्ग ने अपने करियर में 40 से अधिक भाषाओं में गाने गाए और 12 से ज्यादा वाद्ययंत्रों में महारत हासिल की। यही कारण था कि उन्हें भारत के सबसे बहुमुखी कलाकारों में गिना जाता है।

जुबिन गर्ग का जन्म 1972 में असम में हुआ था। उन्होंने असमिया और हिंदी संगीत जगत को कई यादगार गाने दिए। बॉलीवुड में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई और “या अली” जैसे गाने आज भी संगीत प्रेमियों की जुबान पर हैं। उनकी आवाज़ और प्रस्तुति में ऐसा जादू था कि श्रोताओं के दिलों में सीधा असर छोड़ देती थी।

उनकी अचानक मृत्यु ने प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनकी अनमोल यादों को साझा कर रहे हैं। जुबिन का संगीत और उनकी कला हमेशा जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। असम और पूरे भारत के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है।

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