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अमेरिका के हमले के बाद ईरान ‘स्ट्रैट ऑफ होर्मुज’ को बंद करने की तैयारी में, जानिए भारत पर क्या पड़ेगा इस का असर!

अमेरिका की ओर से ईरान की तीन परमाणु साइट्स पर हमला किए जाने के बाद हालात और अधिक विस्फोटक हो गए हैं. इस हमले के जवाब में ईरान ने न केवल इजरायल पर मिसाइल हमला किया बल्कि अब वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने वाला एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है जो है स्ट्रैट ऑफ होर्मुज को बंद करना. अब अगर ईरान ये कदम उठाता है तो इसका दुनिया पर तो असर पड़ेगा ही साथ भारत का क्या फर्क पड़ेगा आइए जानते हैं.

बता दें कि रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की कि अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. यह हमला अमेरिका के अत्याधुनिक B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स के जरिए किया गया, जिसे दुनिया का सबसे महंगा और एडवांस्ड फाइटर प्लेन माना जाता है.

ट्रंप के अनुसार, यह हमला पूरी तरह सफल रहा और ईरानी न्यूक्लियर इन्फ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान हुआ है. अमेरिकी विमानों ने ईरानी एयरस्पेस से सुरक्षित वापसी की है.

अमेरिकी हमले के तुरंत बाद, ईरान ने अपनी खैबर मिसाइल से इजरायल पर सीधा हमला किया. इसके जवाब में इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने ईरान के यज़्द क्षेत्र में स्थित खोर्रमशहर-4 मिसाइल डिपो को ध्वस्त कर दिया.

IDF ने दावा किया कि यह हमला 2200 किलोमीटर दूर से किया गया और यह अब तक की सबसे सटीक स्ट्राइक में से एक है. ईरान के मध्यवर्ती क्षेत्र ‘इमाम हुसैन’ मिसाइल हेडक्वार्टर को दिनदहाड़े निशाना बनाया गया, जिससे पूरे यज़्द शहर में दहशत फैल गई.

ईरानी संसद की सुरक्षा परिषद ने रविवार को यह जानकारी दी कि देश अब स्ट्रैट ऑफ होर्मुज को बंद करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. यह फैसला ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की ओर से अंतिम मुहर लगाने के बाद लागू किया जाएगा.

स्ट्रैट ऑफ होर्मुज एक ऐसा जलमार्ग है जिससे होकर दुनिया की लगभग 20 फीसदी तेल आपूर्ति गुजरती है. यह फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है और यहां से हर महीने लगभग 3000 से अधिक तेल और गैस के जहाज गुजरते हैं.

भारत पर क्या होगा असर?
अगर ईरान वास्तव में होर्मुज स्ट्रेट को बंद करता है, तो इसका असर न सिर्फ अमेरिका, बल्कि भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी होगा. भारत हर दिन लगभग 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, जिसमें से 1.5 मिलियन बैरल होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते आता है.

स्ट्रैट ऑफ होर्मुज के ठप होने से तेल की कीमतों में भारी वृद्धि, ट्रेड रूट्स में रुकावट और मुद्रास्फीति में तेजी आ सकती है. नतीजा भारत में न सिर्फ तेल के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी बल्कि हर जरूरी सामान खाद्यान से लेकर अन्य महंगे हो जाएंगे. इनकी कीमतें आसमान भी छू सकती हैं.

भारत के पास क्या विकल्प
दरअसल ईरान के कदम को पहले ही भांपते हुए भारत अपने वैकल्पिक रास्तों पर काम शुरू कर चुका है. केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हम 15 दिन से ज्यादा वक्त से मिडिल ईस्ट के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में भारत ने अपनी आपूर्ति के स्त्रोतों में विविधता लाई है जिसका असर यह हुआ कि हम अब बड़ी मात्रा में स्ट्रेट ऑफ हॉर्मूज के रास्ते तेल आयात नहीं करते.

यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास कई हफ्तों तक की सप्लाई है. ऐसे में तुरंत तेल की कीमतों पर असर नहीं पड़ेगा. बता दें कि भारत ने रूस से भी तेल आयात करना शुरू कर

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