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आर्मी चीफ का चीन को संदेश, एलएसी पर हालात तनावपूर्ण लेकिन हम किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार

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सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे


लद्दाख| 29-30 अगस्त को एक बार फिर चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी. लेकिन वो कोशिश ना सिर्फ नाकाम हो गई बल्कि चीन सदमे में है. चीन की तरफ से कभी धमकी तो कभी नरमी का रुख देखने को मिलता है. इन सबके बीच लद्दाख में चीन के साथ उत्तरी सीमा पर चुनौतियों का सामना करने के लिए बलों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे उस इलाके में हैं. उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति तनावपूर्ण थी हालांकि हमारे जवान जोश से लबरेज थे और दिखा दिया कि वो किसी भी सूरत में झुकने वाले नहीं हैं.

सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि लेह पहुंचने के बाद अलग अलग जगहों का दौरा किया. मैंने अधिकारियों, जेसीओ से बात की और तैयारियों का जायजा लिया. जवानों का मनोबल ऊंचा है और वे सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि बल ने सीमा को सुरक्षित करने के लिए एलएसी के साथ एहतियाती तैनाती की है. उन्होंने कहा कि जिस किसी भी तरह की जिम्मेदारी हमें सौंपी जाएगी उसका निर्वहन करने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं.

एलएसी के साथ स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण है. हालाता को ध्यान में रखते हुए, हमने अपनी सुरक्षा और सुरक्षा के लिए एहतियाती तैनाती की है, ताकि हमारी सुरक्षा और अखंडता सुरक्षित रहे. भारतीय जवान जोश से लबरेज हैं और उनका मनोबल ऊंचा है और वे किसी भी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने कहा कि भारत शांति से मामले को सुलझाने के लिए चीन के साथ लगातार उलझ रहा था और तनावपूर्ण स्थिति को समाप्त कर रहा था.पिछले 2-3 महीनों से, स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन हम लगातार चीन के साथ सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर उलझते रहे हैं. ये एक तरह की सगाई है जो भविष्य में भी जारी रहेगी हालांकि, उन्होंने दावा किया कि वार्ता लम्बी हो सकती है, लेकिन सेना स्थिति को बदलने की अनुमति नहीं देगी“हम इस बात के लिए आश्वस्त हैं कि इस बातचीत के माध्यम से, हम जो भी अंतर है उसे हल करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यथास्थिति नहीं बदली जाए और हम अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम हों.

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