बीजेपी विधायक दुष्कर्म प्रकरण में रोज नए मोड़ आ रहे हैं. दुष्कर्म के आरोपों से घिरे विधायक महेश नेगी ने मामले की सत्यता सामने लाने के लिए अपने और आरोप लगाने वाली महिला का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है. बताया जा रहा है कि विधायक ने जांच अधिकारी को पत्र लिखकर नार्को टेस्ट कराने की मांग की.
विधायक ने पत्र में लिखा है कि नार्को टेस्ट का खर्चा वह स्वयं ही उठाने के लिए तैयार हैं. बता दें कि द्वाराहाट के बीजेपी विधायक महेश नेगी पर क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है.
महिला का कहना है कि विधायक और उसकी 2 वर्षीय बेटी का डीएनए टेस्ट भी करवाया जाए. इस प्रकरण में विधायक के बयान भी दर्ज हो चुके हैं. मामले की सच्चाई सामने आ सके इसके लिए विधायक नेगी ने पुलिस से नार्को टेस्ट करवाने की मांग की है.
नार्को टेस्ट कराने को लेकर पुलिस कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है. डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच जारी है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस या जांच एजेंसियां अपराधी, आरोपी या जिससे भी सच्चाई जाननी होती है उसका नार्को टेस्ट करके सच जानने का प्रयास की जाती हैं. नार्को टेस्ट कोर्ट के आदेश के बाद ही किया जा सकता है. इस टेस्ट के दौरान ट्रुथ ड्रग नाम की एक साइकोएक्टिव दवा उस व्यक्ति को दी जाती है जिसका नार्को टेस्ट होना है.
इस केमिकल से वह व्यक्ति गहरी नींद में या अर्ध चेतनावस्था में चला जाता है. इस अवस्था में व्यक्ति की तार्किक शक्तियां कमजोर हो जाती है. इसलिए इस समय पर उससे जो भी सवाल किए जाते हैं वह उनका गलत या झूठ जवाब नहीं दे पाता. कई हाई प्रोफाइल मामलों में नार्को टेस्ट के द्वारा जांच एजेंसियों ने तथ्यों का पता लगाया है.
हालांकि इस टेस्ट के सौ फ़ीसदी सही परिणाम मिलना निश्चित नहीं होता है. नार्को टेस्ट के दौरान आरोपी या अपराधी, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, जांच अधिकारी, डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक मौजूद रहते हैं.