अब बस ‘गरारे’ से हो सकेगी कोविड-19 जांच, जानें कैसे

राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने आरटी-पीसीआर कोरोना वायरस की जांच के लिए नमूने लेने और उनके प्रसंस्करण का आसान एवं तेज तरीका विकसित किया है जो ग्रामीण एवं जनजातीय इलाकों में इस्तेमाल किया जा सकता है.वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने कहा कि यह तरीका आसान, तेज, किफायती एवं मरीजों के अनुकूल और आरामदायक है. इसने कहा कि मामूली ढांचागत जरूरतों के चलते यह ग्रामीण एवं जनजातीय इलाकों के लिए उपयुक्त है. नागपुर स्थित नीरी सीएएसआईआर की घटक प्रयोगशाला है.

स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि यह तरीका गेमचेंजर साबित हो सकता है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे अनुमति दे दी है.

नीरी में पर्यावरणीय विषाणु विज्ञान प्रकोष्ठ के वरिष्ठ वैज्ञानिक कृष्ण खैरनार ने कहा कि रूई के फाहों से नमूने लेने की प्रक्रिया में समय लगता है. इसके अलावा, क्योंकि यह नाक और मुंह के अंदर रूई के फाहे डालकर नमूने लिए जाने की प्रक्रिया है इसलिए यह मरीजों के लिए थोड़ी असुविधाजनक है.

उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी, नमूनों को संकलन केंद्र तक ले जाने के दौरान यह गुम भी हो जाता है. वहीं, सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीका तत्काल, सुविधाजनक एवं मरीजों के अनुकूल है. नमूने तुरंत ले लिए जाते हैं और परिणाम तीन घंटे के भीतर आ जाते हैं.’

मरीज खुद ही नमूना ले सकते हैं
इस प्रक्रिया में शरीर के किसी हिस्से में कोई उपकरण नहीं डाला जाता और इतना आसान है कि मरीज खुद ही नमूना ले सकते हैं.उन्होंने कहा कि नाक में और मुंह में रूई के फाहे से नमूने लेने के तरीके में तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है और समय भी लगता है. इसके उलट, सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीके में साधारण ट्यूब होती है जो नमकीन घोल से युक्त होती है.

कैसे काम करता है ये आधुनिक तरीका
मरीज को इस घोल से गरारा करना होता है और इसे ट्यूब में डालना होता है. इस ट्यूब में लिए गए नमूने को प्रयोगशाला ले जाया जाता है जहां उसे सामान्य तापमान पर नीरी द्वारा तैयार विशेष बफर घोल में रखा जाता है.इस घोल को गर्म करने पर आरएनए टैंपलेट बनता है जिसे आरटी-पीसीआर के लिए प्रसंस्कृत किया जाता है. सीएसआईआर ने बताया कि नागपुर नगर निगम ने इस तरीके से जांच के लिए अनुमति दे दी है.

स्व-उपयोग टेस्ट किट का उपयोग किसी भी लक्ष्ण वाले व्यक्ति या आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार पुष्टि किए गए मामलों के उनके तत्काल संपर्कों द्वारा किया जा सकता है और वे स्वयं का टेस्ट कर सकते हैं, आइसोलेट में जा सकते हैं और जल्दी से उपचार प्राप्त कर सकते हैं.

नई सेल्फ-यूज रैपिड होम-टेस्ट किट के लिए मंजूरी
गौर हो कि हाल ही में आईसीएमआर ने पुणे की एक कंपनी को कोविड-19 जांच के लिए अपनी नई सेल्फ-यूज रैपिड होम-टेस्ट किट के लिए मंजूरी दे दी थी. जांच की रिपोर्ट सिर्फ 15 मिनट में मिल जाएगी. 250 रुपये की कीमत वाली देश की पहली कोविड-19 होम-टेस्ट किट ‘कोविसेल्फ’ नाम से, मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस, पुणे द्वारा विकसित की गई है, और कुछ दिनों के भीतर बाजारों में आ जाएगी. कंपनी ने पिछले साल भारत को अपना पहला आरटी-पीसीआर टेस्ट किट भी दिया था जो अब आमतौर पर कोविड-19 टेस्ट के लिए उपयोग किया जाता है.

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