Home ताजा हलचल कंगना रनौत मुश्किल में, दिल्ली विधानसभा की शांति-सद्भाव समिति ने भेजा समन

कंगना रनौत मुश्किल में, दिल्ली विधानसभा की शांति-सद्भाव समिति ने भेजा समन

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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत

आप के विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने अभिनेत्री कंगना रनौत को सिखों पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर तलब किया है.

शांति और सद्भाव समिति द्वारा कंगना को 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे पेश होने के लिए कहा गया है. दरअसल, कंगना रनौत ने मोदी सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद किसान आंदोलन की तुलना खालिस्तानी आंदोलन से की थी. इसके बाद से देश के अलग-अलग इलाकों में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं.

बता दें कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने इंस्टाग्राम पर सिख समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कंगना के खिलाफ मंदिर मार्ग थाने के साइबर सेल में शिकायत दर्ज करायी थी. विधानसभा समिति का कहना है कि सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में कंगना ने किसानों के प्रदर्शन को खालिस्तानी आंदोलन बताया था.

अभिनेत्री ने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और छवि को धूमिल करने वाली भाषा का इस्तेमाल किया था. जबकि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंक समिति ने अपनी शिकायत में कहा कि सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर ऐसे पोस्ट किए गए. इसके बाद उन्हें शेयर भी किया गया.

कंगना ने अपनी विवादित पोस्ट में लिखा था ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज भले ही सरकार का हाथ मरोड़ रहे हों, लेकिन उस महिला (इंदिरा गांधी) को नहीं भूलना चाहिए, जिसने अपनी जूती के नीचे इन्हें कुचल दिया था, लेकिन अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, मगर देश के टुकड़े नहीं होने दिए. उनकी मृत्यु के दशक के बाद भी आज भी ये उसके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरु चाहिए.’

कंगना केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले से निराश हैं. इसके साथ उन्‍होंने इंस्टाग्राम पर स्टोरी साझा करते हुए लिखा था, ‘दुखद, शर्मनाक और सरासर गलत… अगर संसद में बैठी सरकार के बजाए गलियों में बैठे लोग कानून बनाना शुरू कर दें तो यह भी एक जिहादी देश है… उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते हैं.’

इससे पहले कंगना रनौत ने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मजाक बनाते हुए कहा था कि एक और गाल आगे करने से आजादी नहीं, भीख मिलती है. साथ ही टिप्पणी की थी कि सुभाषचंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी का साथ नहीं मिला था. इसके बाद सोशल मीडिया पर वह जमकर ट्रोल हुई थीं.

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