Home एक नज़र इधर भी विशेष खबर: इम्युनिटी बढ़ाने के लिए देशवासी अब पिएंगे ‘गधी का दूध’

विशेष खबर: इम्युनिटी बढ़ाने के लिए देशवासी अब पिएंगे ‘गधी का दूध’

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सांकेतिक फोटो

कोरोना महामारी में हमें ऐसी बातों और खबरों से रूबरू होना पड़ रहा है जो कुछ महीनों पहले तक कल्पना से परे थी. देश में इस महामारी के बढ़ते संक्रमित मरीजों के लिए कई दवाओं और परीक्षणों का रिसर्च जारी है. संक्रमित मरीजों की इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के लिए जो बात रिसर्च में निकल कर आई है वह एक ऐसे जानवर के दूध की है जिसे पीने से इम्युनिटी बढ़ाने का दावा किया जा रहा है.

देश में गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी का दूध बाजारों में बिकते हुए देखा होगा, लेकिन अब जल्द ही गधी का दूध बाजारों में बिकते हुए दिखाई देगा. जी हां अब इम्युनिटी बढ़ानेे के लिए गधी का दूध उपयोगी बताया जा रहा है.

गधी का दूध इंसानों के लिए न सिर्फ बेहद फायदेमंद होता है बल्कि शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में काफी बड़ी भूमिका निभाता है. आमतौर पर देश में गधा और गधी के प्रति लोगों की मानसिकता एक जुझारू जानवर के रूप में रही है. अब इसी जानवर के दूध की व्यापक योजना बना ली गई है.

अभी तक आपने सिर्फ गाय या भैंस के दूध की डेयरी देखी होगी, लेकिन अब बहुत जल्द हरियाणा के हिसार में गधी के दूध की भी डेयरी खुलने जा रही है. ‘हलारी नस्ल की गधी’ के दूध को दवाइयों का खजाना कहा जाता है. इसके दूध में कैंसर, मोटापा, एलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है. यहां हम आपको बता दें कि इस नस की गधी गुजरात में पाई जाती है. यूरोप के कई देशों में गधी का दूध आम लोगोंं में काफी प्रचलित है.

महंगी कीमत होने की वजह से आम लोगों को आसान नहीं होगा दूध खरीदना
गधी के दूध की कीमत महंगी होने की वजह से आम लोगों को इसे खरीद पाना मुश्किल होगा. यह बाजार में 2000 से लेकर 7000 रुपये लीटर तक में बिकता है. इससे कैंसर, मोटापा, एलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है. इससे ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं, जो काफी महंगे होते हैं. डेयरी शुरू करने के लिए एनआरसीई हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र व करनाल के नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्ट्रीट्यूट के विज्ञानियों की मदद भी ली जा रही है.

जानकारों का कहना है कि कई बार गाय या भैंस के दूध से छोटे बच्चों को एलर्जी हो जाती है लेकिन हलारी नस्ल की गधी के दूध से कभी एलर्जी नहीं होती. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार में गधी के दूध की डेयरी शुरू होने जा रही है जिसके लिए एनआरसीई ने 10 हलारी नस्ल की गधी मंगा ली हैं, फिलहाल इनकी ब्रीडिंग की जा रही है .


देश में आसानी से नहीं मिल पाता है गधी का दूध
भाजपा शासित राज्य हरियाणा में गधी के दूध की डेयरी खुलने जा रही है. लेकिन यहां हम आपको बता दें कि भारत में गधी का दूध मिलना आसान नहीं होता है. दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में गधी का दूध कुछ स्थानों पर मिल जाता है लेकिन उत्तर भारत में अभी तक इसे पाने के लिए लोग भटकते रहते हैं.‌ डॉक्टरों के मुताबिक कई मामलों में गधी का दूध इंसानों के लिए काफी फायदेमंद होता है .

अब हरियाणा में जल्द इस समस्या का निदान होने वाला है. यहां सरकार देश की पहली गधी के दूध की डेयरी खोलने वाली है. मेडिकल क्षेत्र में यह साबित हो चुका है कि दूध इंसान की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में मदद करता है.

गौरतलब है कि गधी के दूध में कई महत्वपूर्ण पदार्थ मौजूद होते हैं, जो दवा और कॉस्मेटिक्स बनाने के भी काम में बखूबी इस्तेमाल होते हैं. लेकिन, इसके उत्पादन की मात्रा बहुत ही कम होती है, इसीलिए इसकी कीमत बहुत ही ज्यादा हो जाती है. ऐसे में हरियाणा के हिसार में खुलने वाली यह दूध डेयरी काफी फायदेमंद साबित होने वाली है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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