50 साल के बाद पुर्तगाल से गोवा को मिली थी आजादी

बता दें कि 450 वर्ष के बाद पुर्तगालियों से गोवा को आजादी मिली थी . 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में गोवा पर पुर्तगालियों का पहला आक्रमण किया गया था. इसके बाद यह पुर्तगालियों के कब्जे में आ गया. बाद में पुर्तगालियों को गोवा से खदेड़ने के लिए भारत के यूसुफ आदिल खां ने उन पर हमला किया.

इससे पुर्तगाली घबरा गए और भाग गए. हालांकि अल्बुकर्क ने इस पर फिर से कब्जा जमा लिया था. 1809 से 1815 के बीच नेपोलियन बोनापार्ट ने पुर्तगाल पर कब्जा किया. इसके बाद 1947 तक गोवा अंग्रेजों के अधीन रहा. इस तरह उस समय यह क्षेत्र अंग्रेजों के समुद्री व्यापार का मुख्य केंद्र बन गया.

उसके बाद 1961 में गोवा को आजादी मिलने के बाद 1987 में भारत ने इसको आधिकारिक रूप से राज्य का दर्जा दिया था . इसकी राजधानी पणजी है . गोवा के लोग हर वर्ष अपने मुक्त दिवस को बड़े उत्‍साह के साथ मनाते हैं. इस मौके पर राज्य में कई जगहों पर मशाल जुलूस निकता है.

यही नहीं गोवा को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों को गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इस मौके पर राज्‍य में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं और लोग बड़े उत्‍साह, खुशी के साथ इस दिन को मनाते हैं. कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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