गिरिराज सिंह बोले, काश 84 सिख विरोधी हिंसा के शिकार पीड़ितों से भी मिली होतीं प्रियंका

कृषि कानून पर किसान संगठनों का आंदोलन अब सियासी हो चुका है तो उसके पीछे वजह भी है. गाजीपुर बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कहते हैं कि अगर कोई शख्स उनसे मिलने के लिए आएगा तो उसे मना कैसे कर सकते हैं, लेकिन मंच साझा नहीं करेंगे.

उनके इस बयान के बाद गाजीपुर बार्डर पर सियासी पर्यटन शुरू हो गया. इससे इतर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी रामपुर के बिलासपुर में थीं जहां के एक शख्स नवरीत सिंह की मौत 26 जनवरी को आईटीओ पर हुई थी.

उस मौत के बारे में तमाम तरह के सवाल उठे जैसे कि दिल्ली पुलिस की गोली में उस शख्स की मौत हुई थी हालांकि दिल्ली पुलिस ने आरोपों को नकार दिया. अब प्रियंका गांधी कि बिलासपुर दौरे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा है.

गिरिराज सिंह ने 1984 सिखों के खिलाफ हिंसा का जिक्र कर गांधी परिवार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने लिखा कि आज प्रियंका जी पीड़ितों के यहाँ राजनीति करने जा रही है ,काश एक बार, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा 84 सिख नरसंहार के पीड़ित से मिलने गए होते.

उन्होंने कहा कि अगर किसानों के मुद्दे पर या उनसे संबंधित किसी शख्स की मौत के बाद प्रियंका गांधी मलहम लगाने के लिए बिलासपुर जाती हैं तो 84 हिंसा के शिकार हजारों परिवार ऐसे हैं जिन्हें गांधी परिवार की सद्भावना भरे व्यहार का इंतजार है.

गुरुवार को दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए प्रियंका गांधी रामपुर जिले के बिलासपुर पहुंचीं तो ना सिर्फ गाड़ियों का काफिला बहुत बड़ा हो चुका था बल्कि नवरीत के परिवार से मिलने के बाद उन्होंने जो बयान दिया वो मोदी सरकार के साथ साथ यूपी सरकार की तगड़ी घेरेबंदी थी.

प्रियंका गांधी ने पूछा कि बड़ा सवाल यही है कि जब पीड़ित का परिवार न्यायिक जांच चाहता है तो सरकार को आपत्ति क्या है. यह बात तो सच है कि मोदी सरकार घमंड में चूर है और उसका असर यह हुआ है कि दिल्ली की सीमा पर करीब 150 किसान शहीद हो चुके हैं और उन शहीद किसानों को बीजेपी आतंकी बता रही है.

प्रियंका गांधी ने कहा कि सच तो यह है कि इस सरकार में लोगों की आवाज दबाई जा रही है. जो कोई सरकार की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखता है उसे देशद्रोही करार दिया जाता है और इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है कि कोई भी शख्स अपनी बात न कह सके. विदेशी जमीन से जब सरकार के समर्थन में आवाजा उठती है तो वो सबकुछ सही है लेकिन कोई विरोध में बात करता है तो वो संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है.

Related Articles

Latest Articles

स्वाति मालीवाल मामला: बिभव कुमार की याचिका कोर्ट से खारिज, जानें आगे क्या होगा

0
स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में लगातार अपडेट सामने आ रहे हैं. शनिवार को इस घटनाक्रम में उस वक्त नया मोड़ आया जब दिल्ली पुलिस...

हल्द्वानी-रामनगर मार्ग पर अज्ञात वाहन और कार की जोरदार भिड़ंत, दो की मौत-तीन घायल

0
हल्द्वानी से बड़े हादसे की खबर सामने आ रही है. शुक्रवार देर रात को हल्द्वानी-रामनगर मार्ग पर अज्ञात वाहन और कार की जोरदार भिड़ंत...

भारतीय टीम टी 20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार, टूनामेंट जल्द होगी टीम रवाना

0
आईपीएल 2024 सीजन अब अपने अंतिम चरण में है और अगले रविवार को इसका फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। इस मौजूदा सीजन के समाप्त होते...

दिल्ली: स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट आई सामने, दाहिने गाल और बाएं पैर पर...

0
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट में उनके बाएं पैर और दाहिने गाल पर चोट के निशान पाए...

हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना, कुमाऊं-गढ़वाल के बीच दंगल...

0
उत्तराखंड के कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व राज्यमंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि हाईकोर्ट के मुद्दे...

सीएम धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर की बैठक, अधिकारियों को जनता से फीडबैक से दिए...

0
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए चार धाम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था को और अधिक प्रभावी...

उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी के साथ ही बढ़ी बिजली की मांग, मैदानी जिलों में...

0
लगातार बढ़ती गर्मी के साथ-साथ बिजली की मांग ने अब एक रिकॉर्ड 5.5 करोड़ के पार पहुंच गई है। इस मौसम में मैदानी जिलों...

हल्द्वानी: 14 साल बाद 41 पार हुआ पारा, बाजारों में कर्फ्यू जैसे हालात

0
कुमाऊं में इस समय मौसम का अलग-अलग मिजाज देखने को मिल रहा है। पहाड़ी जिलों में हल्की बारिश की फुहारों ने मौसम को सुहावना...

यमनोत्री मार्ग पर कई घोड़ो की मौत, श्रद्धालुओं के साथ साथ बेजुबानों के लिए भी...

0
भडेलीगाड यमुनोत्री वैकल्पिक मार्ग पर एक घोड़े की मौत ने वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली को उजागर कर दिया है। इस मार्ग की दुर्दशा...

पंच केदार: चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले, मुख्य पुजारी...

0
आज सुबह 5:00 बजे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, जिससे भक्तों में उत्साह का माहौल बना रहा।...