उत्तराखंड: कर्मिशल वाहनों की रिप्लेसमेंट आयु सीमा खत्म, इस आधार पर चलेंगी गाड़ियां

उत्तराखंड की सीमा में चल रहे कामर्शियल वाहनों की रिप्लेसमेंट आयु सीमा को खत्म कर दिया गया है. अब ये वाहन फिटनेस के आधार पर चलते रहेंगे. परिवहन विभाग ने मंगलवार को इसका आदेश जारी कर दिया. राष्ट्रीय परमिट की शर्तें पहले की तरह यथावत लागू रहेंगी. परिवहन उपायुक्त एसके सिंह ने इसकी पुष्टि की.

यह आदेश सरकार ने हाईकोर्ट के उस आदेश के तहत किया है, जिसमें राज्य को वाहनों की आयु सीमा तय न करने के लिए कहा गया था. इसका फायदा प्रदेश के 1.20 लाख से ज्यादा कामर्शियल वाहनों के मालिकों को मिलेगा.

मंगलवार को परिवहन महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने वाहन रिप्लेसमेंट आयु सीमा को लेकर परिवहन आयुक्त कार्यालय में उपायुक्त एसके सिंह मुलाकात भी की. प्रतिनिधिमंडल में परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय, नवीन चंद रमोला, प्यार सिंह गुनसोला, भूपाल सिंह नेगी, भगवान सिंह राणा, हेमंत ढंग तनवीर सिंह आदि शामिल रहे.


वर्तमान व्यवस्था : राज्य के भीतर वाहन संचालन के लिए एसटीए और आरटीए परमिट जारी करते हैं. इस परमिट की अवधि से ही वाहन की आयु तय होती है. अब तक पर्वतीय मार्ग पर बस की रिप्लेसमेंट आयु 15 और ट्रक की आयु सीमा 20 साल है. इसी प्रकार आल स्टेट परमिट पर टैक्सी को केवल नौ साल चलाया जा सकता है. जबकि आरटीए क्षेत्र में ये टैक्सियां 15 साल तक चल सकती हैं.

देहरादून में विक्रम की आयु सीमा सात साल और अन्य शहरों में 10 साल तय है. ऑटो रिक्शा के लिए आयु सीमा 12 साल तय है. अब यह बाध्यता खत्म हो गई है. आयु सीमा फिटनेस के आधार पर तय होगी.

केंद्र सरकार के मानक के अनुसार आठ साल पुराने वाहन की फिटनेस दो-दो साल और आठ साल से ज्यादा पुराने के लिए एक साल में फिटनेट प्रमाणपत्र की अनिवार्यता है. यह फार्मूला ही यहां भी लागू किया जाएगा.


नेशनल परमिट रहेगा यथावत
नेशनल परमिट वाले वाहनों में कांट्रेक्ट कैरिज बस की रिप्लेसमेंट आयु सीमा आठ साल और टैक्सी की आयु सीमा नौ साल है. जबकि ट्रक के मामले में आकार के हिसाब से आयु सीमा 12, 15 और 16 साल है. यह पूर्ववत लागू रहेगा.

यह रियायत केवल राज्य के भीतर संचालित कॉमर्शियल वाहनों के लिए मान्य होगी. आदेश पर विस्तृत स्पष्टीकरण जल्द से जल्द जारी कर दिया जाएगा. यह व्यवस्था अगले आदेशों तक जारी रहेगी.
एसके सिंह, उपायुक्त, परिवहन

वाहन की आयु सीमा एक बड़ा मुद्दा था. हम सरकार का आभार जताते हैं कि यह मांग मान ली गई. इससे परिवहन कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी.
सुधीर राय, अध्यक्ष, परिवहन महासंघ

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