बच्चों को अच्छी शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए सही स्कूल चुनना पैरेंट्स के लिए के लिए एक कठिन काम होता है. मार्केट में इसके लिए कई सारे विकल्प मौजूद होने की वजह से सही विकल्प चुनना अत्यावश्यक होता है. माता-पिता विशेष रूप से तब भ्रमित हो जाते हैं जब बच्चों को ऐसे स्कूलों में दाखिला दिलाने की बात आती है, जो उनके भविष्य को बेहतर बना सकते हैं. ऐसा ही एक भ्रम यह है कि किस प्रकार के कोर्स से शुरुआत की जाए. एजुकेशन फील्ड में पर्याप्त विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन जो आपके लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं के अनुकूल हो उसे चुनना महत्वपूर्ण है.
सीखने की तकनीकों और टीचिंग मेथोडोलॉजी में नवीनतम प्रैक्टिकल अनुभव के आधार पर माता-पिता अक्सर अपने बच्चों के लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के (IB) पाठ्यक्रम के बीच चयन करने में फंस जाते हैं. अगर आपको भी सीबीएसई बोर्ड और आईबी बोर्ड को लेकर किसी भी प्रकार का कोई कंफ्यूजन हैं, तो नीचे इसके बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं.
सीबीएसई बोर्ड-:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक नेशनल लेवल का शिक्षा बोर्ड है, जिसका कंट्रोल और मैनेजमेंट भारत सरकार द्वारा किया जाता है. इसकी स्थापना वर्ष 1929 में हुई थी. यह शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संगठन है. सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन पब्लिक और प्राइवेट दोनों स्कूलों में किया जाता है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. सीबीएसई पाठ्यक्रम को 2 चरणों में विभाजित किया गया है:
(i) प्राइमरी स्टेज
(ii) सेकेंडरी स्टेज
(iii) हायर सेकेंडरी स्टेज
आईबी बोर्ड-:
इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है और इसकी स्थापना वर्ष 1968 में हुई थी. यह सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाले गवर्नर्स बोर्ड द्वारा शासित एक नॉन प्रॉफिटेबल संगठन है. आईबी पाठ्यक्रम को 4 कार्यक्रमों में विभाजित किया गया है:
(i) 3-12 आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्राइमरी ईयर प्रोग्राम
(ii) 11-16 आयु वर्ग के छात्रों के लिए मिडिल ईयर प्रोग्राम
(iii) 16-19 आयु वर्ग के छात्रों के लिए डिप्लोमा प्रोग्राम
(iv) 16-19 आयु वर्ग के छात्रों के लिए कैरियर-संबंधी प्रोग्राम
सीबीएसई बोर्ड और आईबी बोर्ड में अंतर-:
सीबीएसई स्कूल पूरे देश में पब्लिक स्कूलों और प्राइवेट संबद्ध स्कूलों दोनों के रूप में फैले हुए हैं. सीबीएसई ने 26 देशों में लगभग 240 स्कूल भी स्थापित किए हैं. भारत में 210 आईबी वर्ल्ड स्कूल हैं, जिनमें नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर और चेन्नई में बड़ी संख्या में स्कूल हैं. अधिकांश सीबीएसई बोर्ड स्कूलों में शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ सम्बद्ध विद्यालयों में भी हिन्दी का प्रयोग होता है. NEP 2020 बहुभाषी शिक्षा प्रदान करने के एक भाग के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देता है. शिक्षा मंत्रालय ने अधिकारियों को 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने का निर्देश दिया है.

सीबीएसई बोर्ड और आईबी बोर्ड में क्या होता है अंतर, दोनों में कौन है बेहतर! पढ़ें इससे संबंधित तमाम डिटेल
Topics
- Featured
- podcast
- technical
- अल्मोड़ा
- अल्मोड़ा
- उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी
- उत्तराखंड
- उधमसिंह नगर
- उधमसिंह नगर
- एक नज़र इधर भी
- करियर
- कुमाऊं
- क्राइम
- क्रिकेट
- खुशखबरी
- खेल-खिलाड़ी
- गढ़वाल
- चंपावत
- चंपावत
- चमोली
- चमोली
- ज्योतिष
- टिहरी
- टिहरी
- टॉप कॉलेज
- टॉप स्कूल
- ताजा हलचल
- देश
- देहरादून
- देहरादून
- धर्म
- नैनीताल
- नैनीताल
- पर्यटन
- पर्यटन के आयाम
- पिथौरागढ़
- पिथौरागढ़
- पौड़ी
- पौड़ी
- प्रतिभा सम्मान
- प्राकृतिक आपदा
- फोटो गैलेरी
- बड़ी खबर
- बागेश्वर
- बागेश्वर
- बिजनेस
- मंथन
- मनोरंजन
- मौसम
- राजनीति
- राज्य-नीतिक हलचल
- रिजल्ट
- रिलेशनशिप
- रुद्रप्रयाग
- रुद्रप्रयाग
- लाइफस्टाइल
- लोकहित कार्य नीति
- विदेश
- वीडियो
- व्यवसाय की गति
- शिक्षा
- शिक्षा नीति
- स्कॉलरशिप
- स्वास्थ्य
- हरिद्वार
- हरिद्वार
- हरिद्वार
- हादसा
- होम
More
Popular Categories